श्री गोमाता जी की अदभुद महिमा
श्री गोमाता जी की अदभुद महिमा श्री गोमाता जी की अदभुद महिमा
श्री गोमाता जी की अदभुद महिमा श्री गोमाता जी की अदभुद महिमा
ऐ धर्म धरा के लोगों, तुम सुनलो मेरी जुबानी ऐ धर्म धरा के लोगों, तुम सुनलो मेरी जुबानी
गैया के प्राण पुकार रहे, गोविन्द बिन कौन सहाय करे गैया के प्राण पुकार रहे, गोविन्द बिन कौन सहाय करे
मैया के दर्शन करने से, पापी भी भव -तिर जाते है मैया के दर्शन करने से, पापी भी भव -तिर
जीवन ये संवारा है, शुभ मरण बना देना जीवन ये संवारा है, शुभ मरण बना देना
गैया तेरी कृपा से, चले सारा काम गैया तेरी कृपा से, चले सारा काम
गाय चरावा जाऊ मारी माँ, मु तो गाय चरावा जाऊ गाय चरावा जाऊ मारी माँ, मु तो गाय चरावा जाऊ
गौमाता रे अंग-अंग में बैठा कोठी देवता बैठा श्री भगवान गौमाता रे अंग-अंग में बैठा कोठी देवता बैठा श्री भगवान
फतवा सुना रहा हूं में गोविन्द की और से फतवा सुना रहा हूं में गोविन्द की और से