नस्ल सुधार से बढ़ा दूध, फिर खोई पहचान हासिल कर रही है राजस्थान की देशी गायें

नस्ल सुधार से बढ़ा दूध, फिर खोई पहचान हासिल कर रही है राजस्थान की देशी गायें

  • राजस्थान में देशी गायों की 8 नस्ल है।
  • सूरतगढ़ से मिजोरम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, यूपी, एमपी, गुजरात राज्यों में जा रही है थारपारकर नस्ल।
  • थारपारकर नस्ल की गए देती है 18 से 20 लीटर दूध।
  • 0-45 डिग्री तक के तापमान में भी खुले आसमान में रहने की अनुकूलन क्षमता रखती है।
  • 10 माह तक दूध देती है पुरे साल में।
  • 5% फैट होता है इसके दूध में।
  • विभिन्न गया की नस्लों में सर्वाधिक।
  • अच्छी नस्ल के बछड़े की लिए दूध नहीं देने वाली थारपारकर गाय खरीदता है किसान।

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